कपिल शर्मा / नई दिल्ली July 09, 2008
हाइब्रिड बीजों का कारोबार करने वाली निजी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वितरकों की जगह सीधे किसानों से संपर्क करना शुरु कर दिया है।
विपणनकर्ताओं का मानना है कि हाइब्रिड बीजों की मांग दिनोदिन बढ़ती जा रही है, इसलिए इसे सीधे किसानों तक पहुंचाने के लिए ऐसी ही सशक्त मार्किटिंग नीति की जरूरत है।इस बाबत मेरठ, अलीगढ़ और बुलंदशहर में हाइब्रिड बीजों का विपणन करने वाली कंपनी यूएस एग्री सीड्स के विपणर्नकत्ता हेमंत मौर्य ने बताया कि ऐसा करके एक तरफ तो हमारा मार्जिन भी ज्यादा बच जाता है, साथ ही किसान को भी हाइब्रिड बीज की कीमत अदा करने में राहत मिल जाती है।मौर्य का कहना है कि वितरकों के जरिये माल को किसानों तक पहुंचाने में बीजों की कुल कीमत में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है जबकि किसान को सीधे बीजों की आपूर्ति करने में वितरकों को जाने वाले हिस्से की बचत हो जाती है। इससे एक तरफ तो हमारा लाभ बढ़ जाता है साथ ही किसानों को भी हाइब्रिड बीज सस्ती कीमतों में उपलब्ध हो जाते है। उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि असल में सरकारी खरीद वाले हाइब्रिड बीजों के लिए भी सरकार को ऐसा कोई कदम उठाना चाहिए जिसके तहत किसान को बीज सस्ती कीमतों में मिल सकें। इसके लिए जरुरी है कि हाइब्रिड बीजों के क्षेत्र में भी सरकार अपनी भूमिका को सशक्त करें।
हाइब्रिड बीजों की कीमत में अंतर
वितरक किसान
मिर्च 17000-20000 20000-२५०००
टमाटर 26000 तक 30000 तक
sp (कीमतें प्रति किलोग्राम रुपये में)
बुधवार, 9 जुलाई 2008
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1 टिप्पणी:
काफी दिनों से आपने कोई नई पोस्ट नहीं लिखी। आपकी पोस्ट पढ़ी; काफी अच्छी हैं।
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